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082 _a891.43109
_bSHR/K
100 _a श्रीवास्तव, जितेन्द्र
_91947
245 0 _aकविता का घनत्व
260 _aदिल्ली:
_bसेतु प्रकाशन,
_c2021.
300 _a303p.
505 _a1. सौ सूर्यो का सवेरा मुक्तिबोध की कविता 2.कवि-कर्म 3.नये सूर्य की नीली आभा 4.यहा सावन में रोते हैं मोर 5.अभी बहुत कुछ बचा हैं
650 _2कविता
942 _2ddc
_cWB16
_06
947 _a750
999 _c210110
_d210110