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003 OSt
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008 220128s9999 xx 000 0 und d
020 _a9788190576727
040 _cCUS
082 _a891.43109
_bMAL/K
100 _aमलय
_91502
245 0 _aकवि से साक्षात्कार
260 _aदिल्ली:
_c2018.
_bशिल्पायन,
300 _a158p.
505 _a1. कविता पाने को सबकुछ दे डाला 2. हमारा यह समय और कविता 3. नये रूपाकार रचना के स्तर पर जन्म लेते हैं 4. कविता निम्न वर्ग के साथ खड़ी हैं
650 _aकविताऍ
_91261
942 _2ddc
_cWB16
947 _a400
999 _c210108
_d210108