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020 | _a9789389830224 | ||
040 | _cCUS | ||
082 |
_a891.43309 _bGYA/U |
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100 | _aज्ञानरंजन | ||
245 | 0 | _aउपस्थिति का अर्थ | |
260 |
_aदिल्ली: _bसेतु प्रकाशन, _c2020. |
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300 | _a192p. | ||
505 | _a1.हमको अपनी विधा पर मास्टरी करनी चाहिए 2.आकाश हम छु रहे हैं, जमीन खो रहे हैं 3.कविता से आपका अफेयर नहीं हैं तो 4. विकास की अवधारणा में गॉव कहॉ हैं ? | ||
942 |
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947 | _a440 | ||
999 |
_c210099 _d210099 |