000 | 00862 a2200181 4500 | ||
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003 | OSt | ||
005 | 20211220142818.0 | ||
008 | 211220b |||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9788183616720 | ||
040 | _cCUS | ||
082 |
_a891.4371 _bVER/R |
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100 |
_aवर्मा, अर्चना _eसंपादक |
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245 | _aराजेन्द्र यादव रचनावली; v.10 | ||
260 |
_aनई दिल्ली: _bराधाकृष्ण प्रकाशन, _c2015. |
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505 |
_a1. मुड़-मुड़के देखता हूँ
2. स्वस्थ व्यक्ति के बीमार विचार
3. अब वे वहॉ नहीं रहते _gआत्मकथ्य व संस्मरण |
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700 |
_aकौर, बलवन्त _eसंपादक _91179 |
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942 |
_2ddc _cBOOKS |
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999 |
_c210006 _d210006 |