000 | 00677 a2200181 4500 | ||
---|---|---|---|
003 | OSt | ||
005 | 20240510185738.0 | ||
008 | 211216b |||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9788126727407 | ||
040 | _cCUS | ||
082 |
_a891.43371 _bAGY/A |
||
100 |
_aअज्ञेय _9808 |
||
245 | _aअरे यायावर रहेगा याद | ||
260 |
_bराजकमल प्रकाशन, _aनई दिल्ली: _c2015. |
||
300 | _a179p. | ||
505 | _a1. याद 2 कसक बन जाती हैं 3. और समर्पण के शब्द 4.उनका नाम नहीं लिया जाता | ||
942 |
_2ddc _cWB16 _01 |
||
999 |
_c209765 _d209765 |