000 | 00404nam a2200121Ia 4500 | ||
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999 |
_c182222 _d182222 |
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020 | _a9788126721511 | ||
040 | _cCUS | ||
082 |
_a891.4308 _bSHO/N |
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245 | 0 |
_aनागार्जुन रचनावली/ _c संपादित शोभाकान्त |
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260 |
_aनई दिल्ली: _bराजकमल प्रकाशन, _c2011. |
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300 | _a7 v.(xiv, 539 पी) | ||
505 | _aयह खंड बेकार जया तू गुमराह बादल को घिरते देखा हैं | ||
650 | _aनागार्जु रचनावाली | ||
942 | _cBOOKS |